एक विश्लेषण बडी खाटू के पत्रिका के पत्रकार की न्यूज़ का जिससे युवा विकास मंच के नाम से alergy लग रही है।
युवा विकास मंच द्वारा विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया और पहले भी किया जाता रहा है लेकिन होता हर बार यही है।इसी कड़ी में कल हमारे पत्रिका के डिजाइनर पत्रकार को खबर लगाने के लिए कहा गया था तब खबर तो लगाई पर उसमे अपने हिसाब से तोड़ मरोड़ कर लगाई जिसमे कही भी युवा विकास मंच बडी खाटू का नाम का जिक्र तक नहीं किया और ऐसा पहली बार नहीं हुआ है आगे भी कई बार हो चूका है ।यह बड़ी खाटू गाँव के लिए बड़ी विडम्बना की बात है कि कोई गांव के बारे में सही सोच रखता है या कुछ अच्छा किया जाता हो तो लोगो को खुजली होनी शुरू हो जाती है । इसका मतलब यह नहीं है कि युवा विकास मंच को अपने कार्यो का प्रचार करना है बल्कि यह है हमारे ग्रामवासियों को और आस पास के क्षेत्र वालो को गाँव के प्रति किये गए अच्छे कार्यो की जानकारी करवाना है। इससे एक कहावत चरितार्थ होती है (बाड़ में मुत्या बेर कोणी निकले) इसीलिए मैंने दैनिक भास्कर दैनिक नवज्योति पंजाब केसरी में न्यूज़ लगवाई जो मैंने ऊपर भेजी है। सभी ग्रुप में भिजवाए ताकि हमारे डिजाइन में पत्रकार की सोच के बारे में सब को पता लग सके और असलियत सामने आए
नीचे पत्रिका की न्यूज़ और अन्य अख़बारों में आयी न्यूज़ भेजी जा रही है जिसे पढ़ कर आप विचार करे
परमवीर राठौड़
*सुविचार*
*सिर्फ दुनिया के सामने "जीतने" वाला ही "विजेता" नहीं होता।*
*किन "रिश्तों" के सामने कब और कहाँ पर "हारना" है, यह जानने वाला भी विजेता होता है।*
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